Thursday, January 31, 2019

ठंड से 8 की मौत, शिकागो में ट्रेनें चलाने के लिए पटरियों पर लगानी पड़ी आग

आर्कटिक ब्लास्ट के चलते अमेरिका में जमकर बर्फबारी हो रही है। पोलर वोर्टेक्स (ठंडी हवाओं) की वजह से 10 से ज्यादा शहरों में सर्दी बढ़ गई है। भीषण ठंड के चलते अलग-अलग इलाकों में अब तक 8 लोगों की मौत हो गई। शिकागो में पारा माइनस 30 डिग्री तक गिर गया है। नॉर्थ डकोटा में पारा शून्य से -37 डिग्री नीचे चला गया। शिकागो में ट्रेनों को चलाने के लिए ट्रैक पर आग लगानी पड़ी।

इससे पहले शिकागो में 11 बार पारा शून्य से नीचे गया था। सबसे कम तापमान 20 जनवरी 1985 को माइनस 27 डिग्री सेल्सियस रहा था। सर्दी के मामले में शिकागो ने अंटार्कटिका को भी पीछे छोड़ दिया है, जहां के कई इलाकों में पारा माइनस 20 या उससे ऊपर है।

ठंडी हवाओं के कारण शिकागो के लोगों को माइनस 50 डिग्री की सर्दी का अहसास हो रहा है। शिकागो और मिडवेस्ट इलाके में सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए।

अमेरिका की नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक, मिनियापोलिस में पारा -28 डिग्री तक पहुंच गया। यहां सर्दी 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ने के करीब है। 10 राज्यों इलिनॉय, आयोवा, मिनेसोटा, नॉर्थ डकोटा, साउथ डकोटा, विसकॉन्सिन, कंसास, मिसौरी और मोंटाना में जमकर सर्दी है। ठंड को देखते हुए 6 राज्यों में पोस्टल सर्विस फिलहाल बंद कर दी गई।

लोगों से घरों से नहीं निकलने को कहा है। नेशनल वेदर सर्विस ने ट्वीट किया, "हालात बेहद खतरनाक हैं। अगर आप बाहर हैं और आपके शरीर का कोई हिस्सा खुला हुआ है तो 5 मिनट में शीतदंश (फॉर्स्टबाइट) होने का खतरा है। तापमान -70 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। बेहतर यही होगा कि आप बाहर रहने का समय निर्धारित कर लें।''

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार को अमेरिका में करीब 3000 उड़ानें रद्द हुई हैं। अकेले शिकागो में 1000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं। इससे पहले बुधवार को अमेरिका के पांच राज्यों में 2700 उड़ानें रद्द। सबसे ज्यादा शिकागो में 1500 उड़ानें रद्द हुई थीं।

अमेरिका के 21 करोड़ (72%) लोग आने वाले दिनों में शून्य से काफी नीचे के तापमान को महसूस करेंगे जबकि 8 करोड़ (25%) लोगों के इलाके में शून्य के आसपास रहेगा।

भगवान अयप्पा सभी हिंदुओं के भगवान
भागवत ने कहा कि अयप्पा केवल केरल के हिंदुओं के भगवान नहीं हैं। यह सभी हिंदुओं के भगवान हैं। इस आंदोलन में पूरा हिंदू समाज शामिल है। संपूर्ण देश में हमें इस मामले को बताकर लोगों को जागरूक करना होगा। हिंदुओं के खिलाफ षडयंत्र चल रहा है। कहीं-कहीं षडयंत्र चल जाता है। उसका कारण हमारी कमियां हैं। पंथ, भाषा, जात-पात के नाम पर कोई व्यक्ति हमें अलग नहीं कर सके। सामाजिक समरसता का काम शुरू होना चाहिए।

केरल सरकार का दावा- 51 महिलाओं को कराया प्रवेश
सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2018 में सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिला को प्रवेश की अनुमति दी थी। इस फैसले के विरोध में राज्यभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। 2 जनवरी 2019 को 2 महिलाओं ने पहली बार मंदिर में प्रवेश किया। महिलाओं को पुलिस सुरक्षा में पिछले दरवाजे से प्रवेश कराया था। इसके बाद केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया था कि मंदिर में कोर्ट के फैसले के बाद 10 से 50 वर्ष के उम्र की 51 महिलाओं ने प्रवेश किया।

Wednesday, January 23, 2019

停三隧議案 陳帆:難調整續游說 擬花兩月「買時間」 待繞道顯效益爭支持

明報專訊】政府在向立法會動議「三隧分流」無約束力議案前夕,突然暫撤議案。運輸及房屋局長陳帆早上仍表示對議案有「一絲希望」,到下午稱因未能獲得足夠支持,不提議案;他說會再用一至兩個月游說議員支持,認為雙方可求同存異,但表明調整收費的空間「幾乎等於零」。政府消息表示,一兩個月後也不會有新收費方案,現時抽起動議,是希望待中環灣仔繞道一個月後全面通車,「買時間」讓議員先看清楚繞道真實效益,掌握車流量才投票。

不過,立法會內多個黨派均表明,如政府再提原方案,仍會反對。

特首林鄭月娥在去年10月《施政報告》提出三隧分流方案,曾上京游說西隧公司,提出私家車過紅隧及東隧加價至40元(現分別20元及25元)、西隧由70元減至50元,政府原定今日在立法會就方案提出無約束力議案爭取議會支持。運房局長陳帆昨晨8時許出席港台節目時仍表示對議案有「一絲希望」,到下午4時,他宣布由於未能取得足夠支持,「不會在立法會動議有關議案」,並說政府會在未來一至兩個月游說議員,之後會繼續推行相關工作。

消息指林鄭瑞士拍板撤動議

運房局:政府整體決定

有政府消息人士稱,撤回三隧分流動議是由身在瑞士的特首林鄭月娥拍板。運房局回覆本報稱,「在今日的立法會會議上不提出『三隧分流』的議案是政府整體的決定。」

陳帆認為,社會及議員都支持三隧分流的方向,只是對收費有異議,認為與議員可「求大同、存小異」,爭取妥協空間。記者多次追問方案有何調整空間,陳帆重申三隧分流方案已與西隧取得原則上同意,「調整空間幾乎等於零」,又強調現時收費方案的效果最好,若將紅隧及東隧收費下調至35元或30元,會令東隧以至紅隧更擠塞。

有政府消息表示,一兩個月後重推三隧分流,也會沿用現時的「50、40、40(元)」方案,政府沒有足夠時間與西隧重新談判新方案,現時押後動議是因為繞道通車首3日塞車,是「不正常」情况,而有議員又提出想觀察繞道通車成效才決定投票,故政府待繞道全面通車後(工程2月底前完成)、港島北交通有紓緩後,讓議員了解三隧分流方案可配合繞道的真實效益,在投票前有客觀理據。

民建聯:應研再推更好方案

工聯會:方案不改意義不大

分別手握13票和5票的民建聯和工聯會都不支持政府原方案(見表)。民建聯陳恒鑌說政府抽起議案做法可取,應再與社會、各政黨溝通,以及觀察繞道全面通車後,是否如估算般有助西隧分流,再推出更好方案。至於如何才會支持政府將來提出的三隧分流議案,陳稱要視乎方案內容。工聯會陸頌雄表示,他們不希望隧道費大增,稱若政府不改動方案,再交到立法會意義不大。

行政會議成員、新民黨主席葉劉淑儀稱,政府押後處理三隧分流議案是明智之舉,認為要時間觀察繞道交通情况,甚至待3條隧道都回歸政府才處理。西隧專營權於2023年屆滿。

手握7票和5票的民主黨和公民黨早表明反對原方案,民主黨林卓廷形容,政府不降低紅隧和東隧收費加幅是「死結」。公民黨譚文豪認為政府抽起議案是「向現實低頭」,因為不夠支持票。

Friday, January 11, 2019

अटल-आडवाणी ने भाजपा के लिए जो संघर्ष किया, ऐसा शायद ही कभी हुआ हो: शाह

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली के रामलीला मैदान में भाजपा का दो दिवसीय अधिवेशन शुक्रवार को शुरू हुआ। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि देश के हर कोने में भाजपा को पहुंचाने के लिए अटल जी और आडवाणी जी की जोड़ी ने जो संघर्ष किया, ऐसा संघर्ष शायद ही कभी हुआ हो।

शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा, "2019 का चुनाव वैचारिक युद्ध का चुनाव है। दो विचारधाराएं आमने-सामने खड़ी हैं। 2019 का युद्ध (चुनाव) सदियों तक असर छोड़ने वाला है और इसलिए मैं मानता हूं कि इसे जीतना बहुत अहम है।"

उप्र में सीटें 73 से 72 नहीं होंगी- शाह
उप्र में सपा-बसपा गठबंधन को लेकर शाह ने कहा कि एक दूसरे का मुंह न देखने वाले आज हार के डर से एक साथ आ गए हैं, वो जानते हैं कि अकेले मोदी को हराना मुमकिन नहीं है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में 50% की लड़ाई है। भाजपा उप्र में 73 से 72 सीटें नहीं लाएगी, बल्कि ये 74 हो सकती हैं।

'कांग्रेस मंदिर निर्माण में रोड़े अटका रही'

अमित शाह ने कहा, ''भाजपा चाहती है जल्द से जल्द उसी स्थान पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो और इसमें कोई दुविधा नहीं हैं। हम प्रयास कर रहे है कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की जल्द से जल्द सुनवाई हो लेकिन कांग्रेस इसमें भी रोड़े अटकाने का काम कर रही है।''

चोरों को चौकीदार ही पकड़ कर लाएगा
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, "नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या इन सबको लोन कांग्रेस के शासन में दिए गए, तब उनको भागने की जरूरत नहीं हुई। लेकिन जब चौकीदार सत्ता में आया तो इन्हें डर पैदा हुआ और वो बाहर भागे। इन सब चोरों को चौकीदार ही पकड़ कर लाएगा।''

2019 में 16 राज्यों में भाजपा की सरकारें
जिस भारत की कल्पना विवेकानंद जी ने की थी उस भारत को हम मोदी जी के नेतृत्व में बनाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। 2014 में 6 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें थी और 2019 में 16 राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। 5 साल के अंदर भाजपा का गौरव दोगुनी गति से बढ़ा है।

अमित शाह ने सवर्ण आरक्षण के फैसले का स्वागत किया
अमित शाह ने मोदी सरकार के सवर्ण आरक्षण के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ''दोनों सदनों में इस बिल (सवर्ण आरक्षण) को पास कराकर सरकार ने युवाओं के सपनों को साकार करने का काम किया है। संविधान में जो अब तक के महत्वपूर्ण संशोधन हुए हैं उनमें 124वां संशोधन सबसे अहम है। दूसरा फैसला जीएसटी के कानून के तहत हुआ है। एक के बाद एक वस्तुओं के दाम कम करने और शुरुआती दिक्कतों को कम करने के लिए सरकार ने काम किया है। आज हम करोड़ों कार्यकर्ता प्रधानमंत्री जी को बधाई देते हैं।''

Monday, January 7, 2019

चीन, एप्पल और ट्रंप: सात ताक़तें जो बदल देंगी दुनिया

दुनिया में हो रहे बदलावों का अध्ययन करने वाले लेखक जेफ़ देजाख़्दा मानते हैं कि 90 के दशक में सामने आई इंटरनेट तकनीक वो आख़िरी चीज़ थी जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था और इंसानी दुनिया को बदलकर रख दिया.

देजाख़्दा इस समय एक नई किताब 'विज़ुअलाइज़िंग चेंज - अ डेटा ड्रिवेन स्नैपशॉट ऑफ़ आवर वर्ल्ड' का संपादन कर रहे हैं. ये किताब दुनिया में हो रहे दीर्घकालिक बदलावों पर नज़र डालती है.

देजाख़्दा कहते हैं कि इंटरनेट ने दुनिया को उस तरह बदलकर रख दिया है जिस तरह 15वीं शताब्दी में निकोलस कोपरनिकस के ब्रह्मांड मॉडल ने दुनिया पर असर डाला था.

कोपरनिकस के इस मॉडल में ब्रह्मांड से जुड़ी उस सोच को चुनौती दी गई थी जिसके तहत ये माना जाता था कि पृथ्वी ब्रह्मांड के केंद्र में स्थित है.

लेकिन व्यापारिक मॉडलों, उपभोक्ताओं की मानसिकता में बदलाव और अंतरराष्ट्रीय राजनीति जैसे तत्व भी कई अहम बदलाव ला सकते हैं.

देजाख़्दा कहते हैं, "दुनिया बदलने वाली बयार किसी भी दिशा से आ सकती है और इसमें कोई शक नहीं है कि कल आने वाला तूफ़ान आज किसी न किसी रूप में कहीं न कहीं जन्म ले रहा है."

देजाख़्दा और उनकी टीम के मुताबिक़, ये सात ताक़तें आने वाले दिनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था का चेहरा बदल सकती हैं.

कई दशकों तक दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियों ने औद्योगिक स्तर पर उत्पादन करने से लेकर प्राकृतिक संसाधनों को हासिल करने की दिशा में काम किया.

अमरीकी कार निर्माता कंपनी फोर्ड, जनरल इलेक्ट्रिक और तेल क्षेत्र की कंपनी एक्सॉन ऐसी ही कुछ कंपनियों में शामिल हैं.

लेकिन अब सूचना क्रांति का दौर है. और दुनिया के शेयर बाज़ारों में सबसे ज़्यादा अहम कंपनियां तकनीक क्षेत्र की कंपनियां ही हैं.

साल 2018 की पहली तिमाही में एप्पल, गूगल, माइक्रोसॉफ़्ट और टेनसेंट सबसे प्रभावशाली कंपनियां बनी रहीं. लेकिन पांच साल पहले पांच सबसे अहम कंपनियों की लिस्ट में केवल एप्पल ही शामिल थी.

चीन की आर्थिक अहमियत को लेकर पहले भी बात हो चुकी है. लेकिन देजाख़्दा चीन की आर्थिक और तकनीकी विकास की ओर ध्यान खींचना चाहते हैं.

चीन के कुछ शहरों का आर्थिक उत्पादन इतना ज़्यादा है कि वह कई देशों के आर्थिक उत्पादन पर भारी पड़ता है.

चीन की येंगत्सी नदी के किनारे बसे शहर शंघाई, सूजो, खांग्जो, वूशी, नेनटॉन्ग, नेनजिंग, चांगजो इसी विकास का उदाहरण हैं.

इन शहरों का भौतिक विकास इनके आर्थिक विकास के साथ समान रफ़्तार से आगे बढ़ रहा है.

ये माना जाता है कि साल 2030 तक चीन अमरीका को पछाड़कर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी.

आने वाले कुछ दशकों में शहरी आबादी में तेज़ी से होती बढ़त वैश्विक अर्थव्यवस्था को बदलकर रख देगी.

सयुंक्त राष्ट्र संघ के अनुसार, चीन और कई पश्चिमी देशों में जन्म दर में एक स्थिरता नज़र आएगी. वहीं, अफ़्रीकी और दूसरे एशियाई देशों में आबादी में बढ़ोतरी के साथ-साथ तेज़ी से शहरीकरण होता हुआ दिखेगा.

इससे ऐसे कई शहर अस्तित्व में आएंगे जहां रहने वालों की संख्या एक करोड़ से ज़्यादा होगी. यूएन के मुताबिक़, पिछले साल ऐसे शहरों की संख्या 47 थी.

अनुमान के मुताबिक़, इस सदी के अंत तक अफ़्रीका में 13 ऐसे शहर अस्तित्व में आएंगे जो कि न्यू यॉर्क सिटी से भी बड़े होंगे.